कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 प्रश्न उत्तर । Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3 Question Answer PDF

कक्षा 10 हिंदी विषय की (संचयन) के अध्याय 3 टोपी शुक्ला में आपका स्वागत हैं। इस पोस्ट में कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 प्रश्न उत्तर (Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3 Question Answer) दिए गए हैं जो कक्षा 10 के सभी छात्रों के एग्जाम के लिए काफी महत्वपूर्ण है यह कक्षा 10 के छात्रों के एग्जाम के लिए रामबाण साबित होंगे। 

कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 प्रश्न उत्तर । Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3 Question Answer PDF

कक्षा 10 हिंदी संचयन अध्याय 3 प्रश्न उत्तर। Class 10 Hindi (Sanchayan) Chapter 3 Question Answer

प्रश्न 1. इफ्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?

उत्तर- टोपी शुक्ला की कहानी में इफ्फुन नामक एक महत्वपूर्ण चरित्र है। यह इसलिए है क्योंकि टोपी शुक्ला की पहली दोस्ती इफ्फुन के साथ ही हुई थी। इफ्फुन के बिना टोपी शुक्ला का जीवन अधूरा है। इफ्फ़न के बिना, हम टोपी की कहानी को समझने में समर्थ नहीं हो सकते। दोनों अलग-अलग मज़हब के होते हुए भी, वे एक-दूसरे से अटूट रूप से जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 2. इफ्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?

उत्तर- इफ़्फ़ान की दादी पीहर जाना चाहती थीं क्योंकि वे एक अमीर परिवार की बेटी थीं। उनके पीहर में घी, दूध और दही की बहुत सारी वस्तुएं थीं। उन्होंने शादी से पहले पीहर में बहुत सारा दूध-दही खाया था। बाद में वे लखनऊ के मौलवी से शादी की थीं, जहाँ उन्हें अपने मौलवी पति के नियंत्रण में रहना पड़ता था। पीहर जाने पर वे अपने आप को स्वतंत्र महसूस करती थीं और बहुत सारा दूध-दही खाती थीं। इसी कारण उनका मन हर समय पीहर जाने को तरसता था।

प्रश्न 3. इफ्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं ?

उत्तर- इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी नहीं कर पाईं, क्योंकि दादी का विवाह एक मौलवी परिवार में हुआ था और मौलवियों में शादी-विवाह के समय जश्न मनाने या गाने-बजाने का रिवाज़ नहीं था।

प्रश्न 4. ‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर- टोपी शुक्ला के घरवाले आधुनिक और कट्टर हिंदू थे। ‘अम्मी’ शब्द मुसलमानों के घरों में इस्तेमाल होता है, लेकिन जब टोपी शुक्ला ने यह शब्द बोला, तो उनके परिवारी लोगों को बहुत हैरानी हुई। उनके संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को लेकर उन्हें चिंता हुई। सभी लोग टोपी के चेहरे पर नजर जमा लिए कि ऐसा विपरीत शब्द उनके घर में कैसे आ गया। जब टोपी ने बताया कि उसने अपने दोस्त इफ़्फ़ान से यह शब्द सीखा है, तो उसकी माँ और दादी ने उसे काफी मारपीट की।

प्रश्न 5. दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?

उत्तर- दस अक्टूबर सन् पैंतालीस का कोई विशेष महत्त्व नहीं होता है, लेकिन यह दिन टोपी के जीवन में खास महत्व रखता है क्योंकि इस दिन इफ़्फ़न के पिता को तबादला मुरादाबाद हो गया था। इस तबादले के बाद इफ़्फ़न की दादी का निधन हो गया था। अब टोपी बिल्कुल अकेला हो गया था क्योंकि इफ़्फ़न के पिता की जगह नए कलेक्टर के तीनों बेटे आए, लेकिन किसी ने भी टोपी से दोस्ती नहीं की थी।

प्रश्न 6. टोपी ने इफ्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही ?

उत्तर- टोपी की दादी का स्वभाव ठीक नहीं था। वह हमेशा टोपी को डांटती और फटकारती थीं, और कभी उससे प्यार से बात नहीं करती थीं। टोपी की दादी परंपराओं के पक्षपाती होने के कारण कट्टर हिंदू थीं। वे टोपी को इफ़्फ़ान के घर जाने से रोकती थीं। दूसरी ओर इफ़्फ़ान की दादी बहुत नरम स्वभाव वाली थीं, जो बच्चों पर क्रोध नहीं करती थीं। इसी प्रेम के कारण टोपी अपनी दादी को बदलने की बात करता है। उनकी बोली भी टोपी को पसंद थी।

प्रश्न 7. पूरे घर में इफ्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?

उत्तर- घर में पूरे घरवालों में इफ़्फ़ान को उसकी दादी से बहुत ख़ास प्यार था। उसे अपने पिताजी, माताजी, बड़ी बहन और छोटी बहन से भी प्यार मिलता था, पर इन सबके साथ कभी-कभार वे उसे डांट देते थे। लेकिन उसकी दादी ने कभी उसके दिल को दुखाने नहीं दिया। रात को वह उसे अलग-अलग कहानियाँ सुनाती थी, जिसके कारण वह उसे बहुत प्यार करता था।

प्रश्न 8. इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा?

उत्तर- इफ़्फ़न की दादी बहुत प्यारी और स्नेहपूर्ण थीं। वह टोपी को बहुत पसंद करती थीं। टोपी को भी प्यार और अपनापन की जरूरत थी। जब टोपी इफ़्फ़न के घर जाता था, तो वह अधिकांशतः टोपी की दादी के पास बैठने की कोशिश करता था क्योंकि उस घर में वही सबसे अच्छी लगती थीं। लेकिन दादी के निधन के बाद टोपी के लिए कोई नहीं था। टोपी को वह घर खाली महसूस होने लगा क्योंकि इफ़्फ़न के घर का वह खास चमक खत्म हो चुका था जो टोपी के लिए अभिशाप सा था। इसी कारण से टोपी को इफ़्फ़न की दादी के निधन के बाद उसका घर खाली-खाली सा लगने लगा।

प्रश्न 9. टोपी और इफ्फ़न की दादी अलग- अलग मजहब और जाति के थे, पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।

उत्तर- बच्चा होने पर उसका स्वभाव बहुत ही कोमल और निष्कपट होता है। उसे ज्ञान और समझ की दुनिया की जानकारी नहीं होती है, इसलिए उसे मजहब और जाति के महत्व की पहचान नहीं होती। बच्चे के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि उसे प्यार और ममता कहाँ मिलती है, उसी ओर वह आकर्षित हो जाता है। इसीलिए, जब वह इफ्फन की दादी के प्यार और ममता को महसूस करता है, तो उसे धार्मिक और सामाजिक बाधाओं की कोई परवाह नहीं होती है। दोनों अपने-अपने संपर्क के बावजूद, एक अटूट रिश्ते में बँध जाते हैं।

प्रश्न 10. टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। बताइए- ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फेल होने के क्या कारण थे?

एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

टोपी की भावनात्मक परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए ।

उतर- टोपी नामक एक लड़का बहुत तेज़, होशियार और मेहनती था, लेकिन फिर भी वह नयी कक्षा में दो बार फेल हो गया। इसके पीछे दो कारण थे:

पहले साल में उसे पढ़ने का समय ही नहीं मिला क्योंकि घरवाले उसे घर के काम करवाते थे। इसलिए वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया।

दूसरे साल उसे टाइफाइड हो गया और वह पास नहीं हो सका।

एक ही कक्षा में दो बार बैठने के कारण टोपी को कुछ भावनात्मक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा:

वह तनहा हो गया क्योंकि उसके दोस्त दसवीं कक्षा में थे और उसे नए दोस्त नहीं मिले।

उसे शर्म की वजह से अपनी मन की बातें किसी से नहीं कह पाता था। कक्षा में आने पर उसे अध्यापकों की हँसी का शिकार होना पड़ता था, क्योंकि वे उसे कमज़ोर छात्र के रूप में देखते थे और उसे अपमानित करते थे। साथ ही, कक्षा के छात्र भी उसके साथ मज़ाक उड़ाते थे।

टोपी की भावनात्मक परेशानियों को देखते हुए शिक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव की आवश्यकता है। यहां नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. किसी छात्र को एक ही कक्षा में दो बार फेल होने नहीं देना चाहिए। इसके बजाय, दूसरी बार वह अगली कक्षा में बैठा जा सकता है। इससे उसे अधिक समय मिलेगा और वह अपनी पढ़ाई को सुधार सकेगा

2. उस छात्र को छांट दिया जाना चाहिए जिस विषय में वह पास नहीं हो रहा है। इससे उसे उस विषय की छूट मिलेगी और वह उसे अच्छी तरह से समझने और सुधारने में सक्षम हो

3. बच्चों को अंकों के बजाय ग्रेड के आधार पर अगली कक्षा में बढ़ावा देना चाहिए। इससे उन्हें अपनी मेहनत पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा। शिक्षकों को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि वे विफल होने वाले छात्रों का अपमान न करें, बल्कि उनकी सहायता करें और उनका सामर्थ्य बढ़ाने की कोशिश करें

प्रश्न 11. इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?

उत्तर- इफ़्फ़ान की दादी पूर्वी राज्य में रहती थीं, लेकिन शादी के बाद वह लखनऊ आ गई थीं। जब भारत-पाकिस्तान विभाजन हुआ तो उनके मायके के लोग अपने घर को छोड़कर कराची (पाकिस्तान) चले गए। इसलिए दादी का वह घर बिना किसी मालिक के रह गया। इसी कारण से दादी के मायके वाले घर पर कस्टोडियन ने कब्ज़ा कर लिया। ये भी पढ़ें: कक्षा 10 हिंदी कृतिका अध्याय 2: जॉर्ज पंचम की नाक प्रश्न उत्तर । Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 Question Answer Pdf Download

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. इफ़्फ़न के पूर्वजों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।

उत्तर- ईफ़ान के दादा परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे। वे उन देशों में पैदा हुए थे, जहां पराये धर्म के लोग रहते थे, और वहीं उनकी मृत्यु हुई। उन्होंने यह वसीयत की थी कि उनकी लाश को करबला ले जाए जहां उन्होंने अंतिम संस्कार प्राप्त किया था। उनकी आत्मा ने इस देश में नयी सांस तक नहीं ली। उस खानदान में, जिसमें पहला हिंदुस्तानी बच्चा पैदा हुआ, वही बच्चा बढ़कर ईफ़ान के पिता बने। इसके बाद से ईफ़ान और उनके सदस्यों के रूप में यह परिवार भारत में बस गया।

प्रश्न 2. लखनऊ आकर भी इफ्फ़न की दादी की एक विशिष्ट पहचान बनी हुई थी। स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- इफ़्फ़न की दादी लखनऊ के पूरब में रहती थीं। वे जमींदार की बेटी थीं और शादी के बाद अपने ससुराल लखनऊ आ गईं। यहाँ भी वे पूरबी भाषा में बातचीत करती थीं। वे हिंदू-मुस्लिम संस्कृति के विविधता का जीवंत उदाहरण थीं। वे रोज़ा और नमाज़ का पालन करती थीं, लेकिन जब उनके एकलौते बेटे को बीमारी हुई तो उन्होंने प्रार्थना की, “माता, मेरे बच्चे को माफ़ कर दो।” वे हमेशा मायके की भाषा में बातचीत करती रहीं।

प्रश्न 3. मृत्यु के करीब आने पर इम्फ़न की दादी को क्या-क्या याद आया?

उत्तर- मृत्यु के करीब आने पर इफ़्फ़न की दादी को अपना घर याद आया। 

प्रश्न 4. इफ़्फ़न की दादी टोपी को अपने ही परिवार के सदस्यों के उपहास से किस तरह बचाती?

उत्तर- जब टोपी इफ़्फ़ान के घर जाती, तो वह टोपी उसकी दादी के पास बैठने की कोशिश करती। वह टोपी इफ़्फ़ान की माँ और बहन के पास नहीं जाती और नहीं बैठती। दोनों वे आम तौर पर टोपी को मजाक बनाते और हंसते हैं। जब बातें बढ़ने लगती हैं, तो दादी ही टोपी को बचाती हैं और कहती हैं कि तू उधर क्यों जाती है। इस तरह टोपी अपने परिवार के सदस्यों के मजाक के बावजूद बचाई जाती है।

प्रश्न 5. टोपी के पिता को भी यह पसंद नहीं था कि टोपी इफ़्फ़न से दोस्ती रखे, पर उन्होंने इसका फ़ायदा कैसे उठाया?

उत्तर- टोपी के पिता और उनके घरवालों को यह बिलकुल अच्छा नहीं लगता था कि टोपी किसी मुस्लिम लड़के के साथ दोस्ती करे या उसके घर जाए, लेकिन इसका कुछ जाति-धर्म से संबंध नहीं था। जब टोपी के पिता ने सुना कि इफ़्फ़ान के पिता कलेक्टर हैं, तो वे अपना क्रोध नियंत्रित करके, तीसरे दिन ही दुकान के लिए कपड़े और चीनी की परमिशन ले आए।

प्रश्न 6. टोपी एक दिन के लिए ही सही अपने बड़े भाई मुन्नी बाबू से क्यों बड़ा होना चाहता था?

उत्तर- जब टोपी ने इफ़्फ़न के साथ दोस्ती की थी, उस समय उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू ने दादी से शिकायत की थी। वो कह रहे थे कि एक दिन टोपी रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खा रहा था, लेकिन टोपी को बहुत गुस्सा आया क्योंकि वह कबाब को हाथ तक नहीं लगाता है। यह सच नहीं था, क्योंकि मुन्नी बाबू ने खुद ही कबाब खाया था। टोपी ने यह बात घरवालों को नहीं बताने के लिए उससे इकन्नी रिश्वत दी थी। वह चाहता था कि इसके कारण वह मुन्नी बाबू से बड़ा हो जाए।

प्रश्न 7. प्रेम जाति और उम्र का बंधन नहीं मानता है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- टोपी और इफ़्फ़ान की दादी में घनिष्ठ प्रेम था। टोपी एक हिन्दूवादी ब्राह्मण परिवार से था और इफ़्फ़ान की दादी एक पक्की रोज़ा नमाज़ रखने वाली थी। इस भेद के बावजूद, वे एक-दूसरे से प्रेम करने से नहीं रोक सके। टोपी की उम्र आठ साल की थी, जबकि इफ़्फ़ान की दादी बहत्तर साल की थी। फिर भी, उन्होंने एक-दूसरे को स्वीकार किया और प्रेम के अटूट बंधन में बंध गए। इससे स्पष्ट होता है कि प्रेम जाति और उम्र का बंधन नहीं मानता है।

प्रश्न 8. टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर बताइए कि टोपी को किन-किन से अपनापन मिला? क्या आज के समय में भी ऐसा अपनेपन की प्राप्ति संभव है?

उत्तर- ‘टोपी शुक्ला’ कहानी से पता चलता है कि टोपी को अपनेपन की भावना अपने मित्र इफ्फ़न, उसकी दादी और घर की नौकरानी सीता से मिलती है। टोपी और इफ्फ़न एक ही वर्ग के सहपाठी हैं और वे इतने करीब आ जाते हैं कि उन्हें अपनेपन का एहसास होता है। वैसे ही इफ्फ़न की दादी और सीता ही इफ़्फ़न की दुख भरी स्थिति को समझती हैं और उनके प्रति अपनेपन दिखाती हैं। हाँ, आजकल भी ऐसा अपनेपन की प्राप्ति संभव है। क्योंकि अपनेपन का महत्व समाज में जाति, धर्म और उम्र के मामले में नहीं होता है। यह सिर्फ दो व्यक्तियों की सोच, विचार और व्यवहार पर निर्भर करता है।

प्रश्न 9. किन बातों से पता चलता है कि टोपी को इफ्फ़न की दादी बहुत प्रिय थीं?

उत्तर- जब टोपी इफ़्फ़न के घर जाता था, वह हमेशा अपनी दादी के पास जाता था। उसे दादी की बातें सुनकर खुशी होती थीं। दादी उसके दुःख और भावनाओं को समझती थीं। जब इफ़्फ़न की माँ और बहन टोपी को हंसाती, तो दादी उनके बीच में आकर उसे अपने पास बुलाती थीं। वे टोपी को कहानियाँ सुनाकर खुश रखती थीं। टोपी को उनके मरने की खबर सुनकर दुख होता है और वह रोता है। इन बातों से हमें पता चलता है कि टोपी को इफ़्फ़न की दादी बहुत प्रिय थीं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. प्रेम मानवीय रिश्तों की बुनियाद है।’ इसमें उभरने वाले जीवन मूल्यों को टोपी शुक्ला पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – टोपी शुक्ला नामक लड़के के बारे में हमें यह पता चलता है कि उसके घर में उसके माता-पिता के अलावा दादी, एक बड़ा भाई और एक छोटा भाई भी हैं। उसके घर में दो नौकरानियाँ हैं – सीता और केतकी, जो काम करती हैं। लेकिन टोपी को उस घर में किसी से प्रेम नहीं है। उसे प्रेम उसके मित्र इफ़्फ़न, उसकी दादी और घर की नौकरानी सीता से मिलता है।

इस प्रेम के कारण जाति, धर्म, उम्र, पद और नौकरानी का भेद नहीं होता है। अगर प्रेम न हो तो टोपी अपने परिवार से रिश्ता नहीं बना पाता है, लेकिन जहां उसे प्रेम मिलता है, वहाँ नए रिश्ते बनते हैं। टोपी का परिवार उससे खून के रिश्ते से जुड़ा होता है, परन्तु वहाँ प्रेम नहीं होता है। जहां रिश्ता नहीं होता है, वहाँ प्रेम के कारण नए रिश्ते उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार, स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि प्रेम मानवीय रिश्तों की मूल होती है।

प्रश्न 2. टोपी और इफ्फ़न की दादी के उस प्रेममयी आत्मीय संबंध का वर्णन कीजिए, जिसके कारण टोपी ने इफ्फ़न से कहा कि तुम्हारी दादी की जगह मेरी दादी मर गई होती तो अच्छा होता। 

उत्तर – टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग जाति और धर्म से जुड़ी थीं, लेकिन उनके बीच में एक गहरा प्यार और संबंध था जिससे उनकी जाति और धर्म के बाध्यता को पार करना मुश्किल हो गया। दोनों में आपस में एक-दूसरे की दुख-दर्द की समझ थी। टोपी और इफ़्फ़न के संबंध को इफ़्फ़न के दादा जी जीवित होते तो वह भी उसी तरह नहीं समझ पाते जैसे टोपी के परिवार नहीं समझ पाते हैं।

ये दोनों एक-दूसरे से अलग-अलग थे। एक दूसरे को पूरा कर दिया था। दोनों प्यासे थे। एक दूसरे की प्यास को बुझा दिया था। दोनों अपने अलग-अलग घरों में अजनबी थे और भरे हुए घर में अकेले थे। दोनों ने एक-दूसरे के अकेलापन को दूर कर दिया था। इसी प्यार भरे आपसी संबंध के कारण टोपी ने कहा कि अगर तुम्हारी दादी मेरी दादी होती तो सब अच्छा होता।

प्रश्न 3. बच्चे प्यार के भूखे होते हैं। वे उसी के बनकर रह जाते हैं जिनसे उन्हें प्यार मिलता है। इससे आप कितना सहमत हैं? इफ्फ़न और उसकी दादी के संबंधों के आलोक में स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर- इफ़्फ़न के परिवार में उसकी दादी, उसके पिता-माता और दो बहनें थीं। इफ़्फ़न अपने पिता, माता, बड़ी बहन और छोटी बहन नुजहत से प्यार करता था, लेकिन दादी से उसे थोड़ा ज्यादा प्यार था। माता जी कभी-कभी उसे डांट देतीं थीं और बड़ी बहन का भी यही हाल था। पिताजी भी कभी-कभी घर को कचहरी समझकर फैसला सुनाने लगते थे।

नुजहत को जब मौका मिलता, वह अपनी कापियों पर तस्वीरें बनाने लगती थी। लेकिन सिर्फ एक दादी थीं जिसने कभी उसे दिल से दुखाया नहीं। रात को वह उसे बहुत सारी कहानियाँ सुनाती थीं, जैसे “बहराम डाकू,” “अनार परी,” “बारह बुर्ज,” “अमीर हमजा,” “गुलबकावली,” “हातिमताई,” “पंच फुल्ला रानी”। मैं पूरी तरह से सहमत हूँ कि बच्चे प्यार की भूखे होते हैं और वे उसी के पास रहना चाहते हैं, जिससे उन्हें प्यार मिलता है।

प्रश्न 4. कुछ बच्चों को अपने माता-पिता के पद और हैसियत का कुछ ज्यादा ही घमंड हो जाता है। इसका मानवीय संबंधों पर क्या असर पड़ता है? इसे रोकने के लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे? ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आलोक में लिखिए। 

उत्तर- इफ़्फ़न के पिता कलेक्टर थे। उनका तबादला हो जाने के कारण उनके स्थान पर नए कलेक्टर हरनाम सिंह आए। वे उसी बँगले में रहने लगे जहाँ इफ़्फ़न का परिवार रहता था। जब इफ़्फ़न ने अपनी टोपी को याद करके वहाँ पहुँचा, तो चौकीदार ने उसे अंदर आने दिया। वहाँ नए कलेक्टर के तीनों बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। उन्होंने टोपी के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार नहीं किया ही, बल्कि मारपीट भी की।

इसके साथ ही, उन्होंने टोपी पर अपना असंयमित कुत्ता छोड़ दिया, जिसके कारण टोपी पर सात सुईयाँ चुभनी पड़ीं। ऐसा वे अपने कलेक्टर पिता के पद और स्थान के गर्व में किया। मानवीय संबंधों पर इसका यह प्रभाव होता है कि वे टूट जाते हैं।

इस तरह की घटनाओं को रोकने और घमंड को कम करने के लिए बच्चों को प्यार, सद्भाव, भाईचारा, आपसी सद्भाव, सभी को समान समझने की भावना, त्याग जैसे मानवीय मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए और इन मूल्यों को बनाए रखते हुए उनके सामने अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत करने चाहिए।

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